दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: एग्जिट पोल में केजरीवाल की वापसी का संकेत, क्या तीसरी बार CM बनेंगे अरविंद?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: एग्जिट पोल में केजरीवाल की वापसी का संकेत, क्या तीसरी बार CM बनेंगे अरविंद? को एग्जिट पोल के नतीजे आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। चुनावी दंगल के बाद जारी हुए इन आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमाने की रेस में आगे नजर आ रही है।

8 फरवरी को आने वाले अंतिम नतीजों से पहले एग्जिट पोल ने AAP को 50-55 सीटों की रेंज में दिखाया है, जबकि भाजपा (BJP) को 20-25 सीटों का अनुमान है। कांग्रेस इस बार भी शून्य की ओर बढ़ती दिख रही है। अगर यह ट्रेंड कायम रहा, तो अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। आइए, समझते हैं कि 2025 के इस चुनाव में क्या हैं मुख्य मोड़ और क्यों AAP के पक्ष में झुक रहा है जनमत।


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

एग्जिट पोल 2025: क्या कहती हैं संख्याएं?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में दिल्ली की 70 सीटों के लिए हुए मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल में ज्यादातर एजेंसियों ने AAP को बढ़त दी है। इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के सर्वे के मुताबिक, AAP 53 सीटें जीत सकती है, जबकि टाइम्स नाउ-न्यूजएक्स ने 50 सीटों का अनुमान लगाया है। वहीं, रिपब्लिक टीवी-पी मार्क के सर्वे में AAP को 55 सीटें मिलने की संभावना है।

भाजपा के लिए यह आंकड़ा 15-22 सीटों के बीच है। कांग्रेस के खाते में शायद ही कोई सीट दिख रही है। ये आंकड़े 2020 और 2015 के चुनावी ट्रेंड को दोहराते नजर आ रहे हैं, जब AAP ने क्रमशः 62 और 67 सीटें जीती थीं। इस बार भी मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों और केजरीवाल के “राजनीति बनाम सेवा” के नारे को प्राथमिकता दी है।


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP को क्यों चुना? 5 बड़े कारण

  1. शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांति:
    पिछले 10 सालों में AAP ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में बदल दिया है। नए शैक्षणिक सत्र में ‘दिल्ली मॉडल’ को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की चर्चा हुई। इसके अलावा, 2024 में शुरू की गई ‘महिला स्वास्थ योजना’ के तहत महिलाओं को मुफ्त इलाज और हेल्थ इंश्योरेंस दिया गया, जिससे AAP को महिला वोटर्स का बड़ा समर्थन मिला है।
  2. बिजली-पानी का सस्ता मॉडल:
    दिल्ली में बिजली के बिलों में 50% सब्सिडी और 24×7 मुफ्त पानी की सुविधा AAP की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। 2024 में आई गर्मी की लहर के दौरान सरकार ने पानी की आपूर्ति को सुचारू रखा, जिससे जनता का भरोसा बढ़ा।
  3. कीमतों पर लगाम:
    AAP ने ‘दिल्ली की रसोई’ योजना के तहत 500 से ज्यादा सस्ते राशन केंद्र खोले, जहां गेहूं, चावल और दालें बाजार से 30% कम दाम पर मिलती हैं। मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई।
  4. अरविंद केजरीवाल का ‘काम करने वाला नेता’ इमेज:
    केजरीवाल ने खुद को भाषणबाजी से दूर, जमीनी काम करने वाले नेता के रूप में पेश किया। उनकी सक्रियता और सोशल मीडिया पर सीधे जनता से संवाद करने की शैली ने युवाओं को खासा प्रभावित किया।
  5. अरविंद केजरीवाल का भरोसा रोजगार देनेका युवाओं के लिए:
    अरविन्द केजरिवल अपने मैनिफेस्टो में ये भी बताया है की वे बहुत सारे कदम उठायेंगे जिससे युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
  6. BJP का राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस:
    भाजपा ने CAA, राम मंदिर और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा, लेकिन दिल्ली के मतदाताओं ने स्थानीय समस्याओं को प्राथमिकता दी। BJP के पास कोई मजबूत मुख्यमंत्री पद का दावेदार न होना भी नुकसानदेह रहा।

भाजपा की रणनीति कहां चूकी?

  • नए चेहरों का अभाव: BJP ने पूरा चुनाव प्रचार केंद्रीय नेताओं जैसे अमित शाह और योगी आदित्यनाथ पर केंद्रित किया, लेकिन दिल्ली में उनका कोई स्थानीय नेता मुख्यमंत्री पद का दावा पेश नहीं कर पाया।
  • ऋषि सुनक से मिली बैकफुट?
    BJP ने दिल्ली में यूके के पूर्व PM ऋषि सुनक को प्रचार में उतारा, जिसे जनता ने ‘विदेशी अभियान’ बताकर नजरअंदाज कर दिया।
  • पार्किंग और प्रदूषण पर चुप्पी:
    दिल्ली के मध्यम वर्ग की बड़ी समस्या—पार्किंग की किल्लत और सर्दियों में प्रदूषण—पर BJP कोई ठोस योजना नहीं ला सकी।

कांग्रेस: गुमनामी की राह पर

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का चुनाव कांग्रेस के लिए और शर्मनाक साबित हो सकता है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस ने दिल्ली में कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं उतारा। सोशल मीडिया पर #CongressFreeDelhi ट्रेंड कर रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक, कांग्रेस के पारंपरिक वोटर—मुस्लिम और दलित समुदाय—इस बार AAP के साथ गए हैं।


एग्जिट पोल कितने भरोसेमंद?

इतिहास गवाह है कि एग्जिट पोल कई बार गलत भी साबित हुए हैं। 2015 में कुछ सर्वे BJP को 20+ सीटें दिखा रहे थे, लेकिन AAP ने 67 सीटें जीतीं। हालांकि, 2020 में ज्यादातर एजेंसियों के अनुमान सही निकले। इस बार AAP के पक्ष में माहौल है, लेकिन अंतिम फैसला 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही होगा।


अगर AAP जीती, तो क्या बदलेगा?

  • राष्ट्रीय राजनीति में केजरीवाल की दावेदारी:
    तीसरी जीत केजरीवाल को 2029 के लोकसभा चुनावों में ‘राष्ट्रीय विकल्प’ के रूप में पेश कर सकती है।
  • दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा:
    AAP लंबे समय से केंद्र सरकार से दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है। इस जीत के बाद यह मुद्दा और तेज होगा।
  • मुफ्त बस यात्रा और महिला सुरक्षा:
    AAP ने वादा किया है कि अगर जीती, तो महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू करेगी और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज बढ़ाएगी।

निष्कर्ष: दिल्ली की जनता ने ‘काम’ को चुना

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का संदेश साफ है—जनता उन्हें वोट देती है जो दिखावे की नहीं, काम की राजनीति करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने पिछले दस सालों में यह साबित किया है कि साधारण दिखने वाले नेता भी असाधारण बदलाव ला सकते हैं। 8 फरवरी को जब रिजल्ट आएगा, तो शायद दिल्ली एक बार फिर ‘इंसानियत, शिक्षा और स्वास्थ्य’ के एजेंडे को मजबूती देगी। फिलहाल, एग्जिट पोल की घंटी AAP के पक्ष में बज चुकी है। अब इंतजार है तो केवल जनता के अंतिम फैसले का!

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